शनिवार, 21 मार्च 2009

जो होता है होता है क्या

तीर न तुक्का !
आन्दोलन कभी आजादी के लिए हुआ करते थे। आज आजादी मिलने के बाद भी आन्दोलन हो रहे हैं। आजादी का संधि विच्छेद करें तो बड़ा ही आश्चर्यजनक तथ्य सामने आता है। आजादी यानी आज या आदि। यदि आज आदि है तो अंत कब होगा। आगे बधियेगा तो कहिये इस मरू में बसंत कब होगा। शास्त्र कहते हैं जिसका आदि है उसका अंत भी है। स्नातक के बाद स्नातकोत्तर, साठ के बाद साठोत्तर। यानि क्रम ऐसे ही आगे बढ़ता रहता है।